भारतीय व्यापार जगत में एक बार फिर अदानी समूह की झलक देखने को मिली है, इस बार Adani Ports Q1 Results: (APSEZ) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ऐसा प्रदर्शन किया है जो निवेशकों, व्यापार विशेषज्ञों और लॉजिस्टिक्स उद्योग के लिए उम्मीद से कहीं बेहतर है। यह न सिर्फ आर्थिक प्रदर्शन की कहानी है, बल्कि भारत के बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के विकसित होते भविष्य की भी झलक है।
हली तिमाही में कैसा रहा प्रदर्शन?
अदानी पोर्ट्स ने अप्रैल-जून तिमाही (Q1 FY26) में ₹9,126 करोड़ की रेवेन्यू दर्ज की है, जो पिछले साल की इसी तिमाही से 21% अधिक है। यानी कंपनी ने ₹1,587 करोड़ की अतिरिक्त कमाई की।
पिछले साल (Q1 FY25): ₹7,539 करोड़
इस साल (Q1 FY26): ₹9,126 करोड़

शुद्ध लाभ (Net Profit) में भी बढ़त
शुद्ध लाभ भी 7% की वृद्धि के साथ ₹3,311 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले साल ₹3,107 करोड़ था।
लॉजिस्टिक्स और मरीन सेगमेंट बना गेमचेंजर
इस बार की सबसे बड़ी खास बात यह रही कि कंपनी की लॉजिस्टिक्स और मरीन सर्विसेज़ सेगमेंट में ज़बरदस्त बढ़त देखने को मिली।
लॉजिस्टिक्स का रेवेन्यू दोगुना होकर ₹571 करोड़ से ₹1,169 करोड़ तक पहुँचा।
मरीन बिज़नेस में 2.9 गुना वृद्धि – ₹188 करोड़ से बढ़कर ₹541 करोड़।
सीईओ अश्वनी गुप्ता ने कहा, “लॉजिस्टिक्स और मरीन अब सहायक बिजनेस नहीं रहे, बल्कि हमारे पोर्ट्स इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी ट्रकिंग और अंतरराष्ट्रीय फ्रेट नेटवर्क को भी तेज़ी से बढ़ा र
कार्गो वॉल्यूम और मार्केट शेयर
Adani Ports Q1 Results के बाद एक और नयी कुल कार्गो वॉल्यूम में भी अच्छी बढ़त देखने को मिली है:
कुल कार्गो वॉल्यूम:
Q1 FY25: 109 मिलियन मीट्रिक टन (MMT)
Q1 FY26: 121 MMT → 11% की वृद्धि
Adani Ports: ऑल-इंडिया मार्केट शेयर:
Q1 FY25: 27.2%
Q1 FY26: 27.8%
कंटेनर मार्केट शेयर: 45.2% (हल्का गिरा है – पिछली तिमाही में 45.9% था)

अंतरराष्ट्रीय विस्तार और नई परियोजनाएँ
कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT)
Adani Ports Q1 Results के बाद एक और नयी अदानी समूह ने कोलंबो (श्रीलंका) में एक नया पोर्ट ऑपरेशन शुरू किया है – CWIT, जो पूरी तरह से ऑटोमेटेड और डीप-वाटर टर्मिनल है। 35 साल के BOOT एग्रीमेंट के तहत यह पोर्ट हर साल 3.2 मिलियन TEUs संभाल सकेगा।
अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स:
धामरा पोर्ट: एक नया एक्सपोर्ट बर्थ खोला गया और दो नए बर्थ निर्माणाधीन हैं। कुल क्षमता अब 92 MMT तक जाएगी।
स्टील कंपनी के लिए वेयरहाउस तैयार किया गया।
कार्बन ब्लैक मैन्युफैक्चरर के लिए लिक्विड कार्गो हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट मिला।
अधिग्रहण और विस्तार
अदानी पोर्ट्स ने ऑस्ट्रेलिया के NQXT पोर्ट के अधिग्रहण की मंज़ूरी भी दे दी है। यह एक मल्टी-यूज़र डीप वॉटर एक्सपोर्ट टर्मिनल है जिसकी नाममात्र क्षमता 50 मिलियन टन प्रति वर्ष है। यह सौदा अभी नियामकीय मंज़ूरी के अधीन है।
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भविष्य की दिशा
अदानी पोर्ट्स ने कहा है कि कंपनी अब भी अपने FY26 गाइडेंस पर मजबूती से कायम है।
“हम पोर्ट गेट से कस्टमर गेट तक की वैल्यू चेन को विस्तार दे रहे हैं,” – अश्वनी गुप्ता।
अंतरराष्ट्रीय पोर्ट्स में भी कंपनी की EBITDA (कमाई) बढ़ रही है और लॉजिस्टिक्स से होने वाली इनकम अब मुख्य आय का बड़ा हिस्सा बन रही है।

निष्कर्ष
अदानी पोर्ट्स का यह प्रदर्शन न सिर्फ कंपनी के मजबूत इरादों को दर्शाता है बल्कि यह भी साफ करता है कि भारत अब ग्लोबल लॉजिस्टिक्स पावर बनने की राह पर है। लॉजिस्टिक्स और मरीन सेगमेंट की तेज़ी, कार्गो वॉल्यूम में निरंतर वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स की वजह से अदानी पोर्ट्स आने वाले समय में और भी ऊँचाईयों को छू सकता है।
Disclaimer (अस्वीकरण):
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारियों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शामिल सभी आंकड़े, तिथियां और परियोजनाएं संबंधित संस्थाओं द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार दी गई हैं। यह लेख किसी निवेश सलाह के रूप में न लिया जाए। किसी भी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।